उत्तर प्रदेश सरकार ने गोवंशों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए 7,239 गोवंश आश्रय केंद्र संचालित करने का ऐलान किया है। इन केंद्रों के माध्यम से 14.38 लाख गोवंशों को संरक्षित किया जा रहा है। इस पहल के अंतर्गत, गोवंशों की देखभाल और संरक्षण को मजबूती दी जा रही है ताकि उनकी सुरक्षा हमेशा सुनिश्चित रहे।
मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत, पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए पशुपालकों को बहुतायत में अनुदान प्रदान किया जा रहा है। प्रति गाय के लिए ₹1500 का अनुदान दिया जा रहा है, जिससे पशुपालकों को गोवंशों की देखभाल में मदद मिलेगी और उनके लिए यह एक प्रोत्साहन होगा अपनी देखभाल में महारत हासिल करने के लिए।
यह पहल गोवंशों के प्राकृतिक संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि गोवंश भारतीय संस्कृति और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा, यह उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है कि वह प्राकृतिक संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण में सक्रिय रूप से योगदान दे रही है।
गोवंशों के लिए आश्रय केंद्रों की संख्या बढ़ाने से न केवल उनकी संरक्षा होगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित होगा कि उनके साथी पशुपालकों को भी विशेष समर्थन और उनके लिए आत्मनिर्भरता के अवसर उपलब्ध हों। इस पहल के माध्यम से, स्थानीय गोवंश प्रजातियों के प्रति लोगों का संवेदनशीलता भी बढ़ेगा और उन्हें प्राकृतिक संरक्षण के प्रति जागरूकता होगी।