ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की भूमि बैंक योजना को बड़ा झटका लगा है। किसानों ने इस योजना को असफल कर दिया है, जिससे प्राधिकरण के लिए भविष्य की योजनाओं पर असर पड़ सकता है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने अपने भूमि बैंक योजना के तहत किसानों से उनकी जमीन खरीदने का प्रस्ताव दिया था। इस योजना का उद्देश्य क्षेत्र में विकास कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाना था। प्राधिकरण ने इस योजना के लिए 200 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता बताई थी और किसानों से जमीन खरीदने के लिए अच्छा मुआवजा देने का आश्वासन दिया था।
हालांकि, किसानों ने प्राधिकरण के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। किसानों का कहना है कि वे अपनी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं बेचेंगे। उनका मानना है कि जमीन उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत है और वे इसे छोड़कर किसी भी तरह का मुआवजा नहीं लेना चाहते। किसानों ने जोर देकर कहा कि वे अपनी जमीन को बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे।
इस असफलता के बाद, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को अपनी योजना पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि वे किसानों के साथ बातचीत जारी रखेंगे और उनके हितों का ध्यान रखते हुए एक नया प्रस्ताव पेश करेंगे।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की भूमि बैंक योजना की असफलता से क्षेत्र के विकास कार्यों पर गहरा असर पड़ सकता है। अगर प्राधिकरण और किसानों के बीच सहमति नहीं बन पाई तो भविष्य में भी इस तरह की योजनाओं को सफल बनाना मुश्किल हो सकता है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने क्षेत्र के विकास के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, लेकिन किसानों के विरोध के चलते उन्हें समय पर पूरा करना एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है। अब देखना होगा कि प्राधिकरण कैसे इस समस्या का समाधान करता है और विकास कार्यों को आगे बढ़ाता है।