ग्रेटर नोएडा: हिंडन नदी में बढ़ते प्रदूषण और अवैध कब्जे के मामले में राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। एनजीटी ने पाया कि इस मुद्दे पर की गई आईटी रिपोर्ट में कई खामियां हैं।
हिंडन नदी में प्रदूषण और अवैध कब्जे को लेकर स्थानीय निवासियों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने लंबे समय से शिकायतें दर्ज कराई हैं। एनजीटी ने इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए जांच का आदेश दिया था। जांच के बाद जो रिपोर्ट आई, उसमें कई खामियां पाई गईं। एनजीटी ने डीएम को निर्देश दिया है कि वे इस मामले की विस्तृत जांच कर एक ठोस रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
एनजीटी ने कहा कि हिंडन नदी में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हद तक बढ़ चुका है, जिससे न केवल स्थानीय पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि आस-पास के निवासियों के स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। अवैध कब्जे और निर्माण कार्यों के चलते नदी का प्राकृतिक प्रवाह भी बाधित हो रहा है।
एनजीटी ने डीएम से इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने और अवैध कब्जों को हटाने के लिए कठोर कदम उठाने का आदेश दिया है। साथ ही, नदी के प्रदूषण को रोकने के लिए प्रभावी योजनाएं बनाने और उन्हें लागू करने की सिफारिश की है।
डीएम ने एनजीटी को आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को प्राथमिकता पर रखेंगे और जल्द ही एक विस्तृत और सही रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
यह मामला एक बार फिर से हिंडन नदी के संरक्षण और उसकी सफाई की आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित करता है। यदि समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए, तो इसका दुष्परिणाम न केवल पर्यावरण पर, बल्कि स्थानीय समुदाय के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है। एनजीटी के इस सख्त रुख से उम्मीद है कि संबंधित अधिकारी जल्द ही आवश्यक कार्रवाई करेंगे और हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त बनाएंगे।