डिविनो में बीते दिन एक बेहद खास और प्रेरणादायक माहौल देखने को मिला, जब सभी बच्चों ने क्रिकेटर युवराज सिंह तोमर से मुलाकात की। बच्चों और अभिभावकों के बीच जबरदस्त उत्साह था, और सभी ने इस मौके का भरपूर आनंद लिया। युवराज सिंह तोमर, जो उत्तर प्रदेश अंडर-16 क्रिकेट टीम के कप्तान हैं और जिन्होंने विजय मर्चेंट ट्रॉफी में शानदार जीत दर्ज की, हमारे बीच पहुंचे। उनके संघर्ष, मेहनत और सफलता की कहानी ने सभी को प्रभावित किया।
सबसे खास बात यह रही कि MOVO Sports के मालिक संजय ठाकुर ने युवराज सिंह तोमर को 1 वर्ष के लिए स्पॉन्सर किया है, जिससे उनके खेल करियर को और भी मजबूती मिलेगी।
बच्चों में उमंग, बड़ों का आशीर्वाद
जब युवराज मंच पर पहुंचे, तो बच्चों की आंखों में चमक और चेहरे पर मुस्कान थी। सभी ने उन्हें घेर लिया, ऑटोग्राफ लेने की होड़ मच गई, और हर कोई उनके साथ एक फोटो लेना चाहता था। छोटे बच्चों से लेकर किशोर तक, सभी उनके क्रिकेट करियर और संघर्ष की कहानी सुनने के लिए उत्सुक थे। युवराज ने अपने अनुभव साझा किए और बताया कि सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत, अनुशासन और समर्पण कितना जरूरी है।
बड़ों ने भी इस मौके पर युवराज को आशीर्वाद दिया और उनकी मेहनत व उपलब्धियों की सराहना की। अभिभावकों को भी यह एहसास हुआ कि सही मार्गदर्शन और प्रेरणा से उनके बच्चे भी अपने-अपने क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
युवराज की प्रेरणादायक यात्रा
युवराज सिंह तोमर ने बताया कि उनकी यह सफलता अचानक नहीं मिली, बल्कि इसके पीछे सालों की कड़ी मेहनत, कठिन अभ्यास और अनुशासन है। उन्होंने यह भी साझा किया कि कैसे उन्होंने कई कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन कभी हार नहीं मानी।
उन्होंने खासतौर पर बच्चों को संदेश दिया कि “अगर आप किसी भी लक्ष्य को पाने के लिए सच्चे मन से मेहनत करते हैं, तो सफलता जरूर मिलेगी। खुद पर विश्वास रखें और अपने सपनों का पीछा करें।”
समाज में एकता और प्रेरणा का संदेश
यह आयोजन सिर्फ एक क्रिकेटर से मिलने का मौका नहीं था, बल्कि यह समाज के लिए एकता और प्रेरणा का प्रतीक भी बना। बच्चों ने सीखा कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता, और मेहनत ही असली कुंजी है। साथ ही, अभिभावकों ने भी महसूस किया कि अगर वे अपने बच्चों का सही दिशा में मार्गदर्शन करें, तो वे भी ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।
आगे का सफर
इस मुलाकात के बाद बच्चों में क्रिकेट के प्रति और भी ज्यादा जुनून देखने को मिला। कई बच्चों ने अपने माता-पिता से कहा कि वे भी क्रिकेट या अपने पसंदीदा क्षेत्र में मेहनत करना चाहते हैं। युवराज की यात्रा और उनकी उपलब्धियां अब इन बच्चों के लिए एक नई प्रेरणा बन गई हैं।
ऐसे प्रेरणादायक पलों को संजोकर, हम अपने बच्चों को बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं!







