ग्रेटर नोएडा: अब जनपद के 511 परिषदीय स्कूलों के छात्रों का भी मूल्यांकन किया जाएगा। इन छात्रों को साल में करीब चार बार परीक्षाएं देनी होंगी। यह निर्णय शिक्षा विभाग द्वारा लिया गया है ताकि छात्रों की पढ़ाई और उनके ज्ञान का नियमित रूप से मूल्यांकन किया जा सके।
नई परीक्षा प्रणाली
इस नई प्रणाली के तहत छात्रों का मूल्यांकन अगस्त, दिसंबर, मार्च और मई में किया जाएगा। हर परीक्षा में छात्रों के ज्ञान, कौशल और उनकी शिक्षा की प्रगति को जांचा जाएगा। यह कदम छात्रों की शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने और उनकी अकादमिक प्रगति को बेहतर तरीके से समझने के लिए उठाया गया है।
शिक्षा विभाग का उद्देश्य
शिक्षा विभाग का उद्देश्य छात्रों की नियमित जांच और मूल्यांकन करके उनकी कमजोरी और मजबूती को पहचानना है। विभाग का मानना है कि इस तरह की परीक्षा प्रणाली से छात्रों को नियमित अध्ययन की आदत विकसित होगी और वे हर विषय में अच्छा प्रदर्शन कर सकेंगे। इसके साथ ही, छात्रों के माता-पिता और शिक्षक भी उनके शैक्षणिक विकास की स्थिति से अवगत रह सकेंगे।
शिक्षकों की भूमिका
इस नई परीक्षा प्रणाली में शिक्षकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी। शिक्षक अब छात्रों को हर विषय में अच्छी तरह से तैयार करेंगे ताकि वे परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें। शिक्षकों को नियमित रूप से छात्रों की प्रगति की रिपोर्ट तैयार करनी होगी और उन्हें विभाग को सौंपना होगा।
छात्रों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
छात्रों और उनके अभिभावकों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका मानना है कि इस तरह की नियमित परीक्षा प्रणाली से छात्रों की पढ़ाई में सुधार होगा और वे हर विषय में निपुण हो सकेंगे। एक छात्रा के पिता ने कहा, “यह कदम बहुत अच्छा है। इससे हमारे बच्चों की पढ़ाई में नियमितता आएगी और वे हर परीक्षा के लिए अच्छी तैयारी करेंगे।”
चुनौतियाँ और समाधान
हालांकि, इस नई प्रणाली को लागू करने में कुछ चुनौतियाँ भी हैं। शिक्षकों और छात्रों को इस नई प्रणाली के अनुसार खुद को ढालने में समय लगेगा। शिक्षा विभाग ने इन चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू किए हैं ताकि शिक्षक और छात्र नई प्रणाली के अनुकूल हो सकें।
शिक्षा विभाग का यह कदम परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे छात्रों की शिक्षा में सुधार होगा और वे हर विषय में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकेंगे। शिक्षा विभाग उम्मीद करता है कि इस नई प्रणाली से छात्रों की पढ़ाई में न केवल सुधार होगा बल्कि वे आने वाले समय में हर परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करेंगे।