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भाकियू का 8 जुलाई को नोएडा प्राधिकरण का घेराव: किसानों की समस्याओं को लेकर बड़ा ऐलान

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नोएडा: भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) ने एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए 8 जुलाई को नोएडा प्राधिकरण का घेराव करने का ऐलान किया है। यह निर्णय सलारपुर में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान लिया गया। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने इस घोषणा की जानकारी देते हुए कहा कि किसान अपनी समस्याओं को लेकर लंबे समय से संघर्षरत हैं, लेकिन सरकार और प्राधिकरण की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।

किसानों की प्रमुख मांगें

भाकियू ने किसानों की कई महत्वपूर्ण मांगों को लेकर यह घेराव करने का निर्णय लिया है। इनमें प्रमुख रूप से किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिलाना, बकाया भुगतान की तुरंत व्यवस्था करना, किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना, और किसानों को बिजली, पानी और सिंचाई की सुविधाओं में सुधार करना शामिल हैं। राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की समस्याओं का समाधान किए बिना प्राधिकरण और सरकार के खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा।

घेराव की तैयारियां

भाकियू के कार्यकर्ताओं और किसानों ने इस घेराव की तैयारियों को लेकर अपने-अपने गांवों में बैठकें आयोजित की हैं। राकेश टिकैत ने बताया कि 8 जुलाई को नोएडा प्राधिकरण का घेराव करने के लिए बड़ी संख्या में किसान नोएडा पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा, लेकिन अगर किसानों की मांगें नहीं मानी गईं, तो वे अपने आंदोलन को और भी तेज करेंगे।

प्राधिकरण और सरकार की प्रतिक्रिया

नोएडा प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश सरकार ने इस घोषणा पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, प्राधिकरण के सूत्रों का कहना है कि वे किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयासरत हैं और इस दिशा में कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। लेकिन, किसानों का कहना है कि अब तक किए गए वादे केवल कागजी रहे हैं और उन्हें वास्तविकता में कोई राहत नहीं मिली है।

राकेश टिकैत का बयान

राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर भाकियू लंबे समय से संघर्ष कर रही है। उन्होंने कहा, “हमने हमेशा शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगें उठाई हैं, लेकिन सरकार और प्राधिकरण की उदासीनता के कारण हमें यह कदम उठाना पड़ा है। अगर हमारी मांगें नहीं मानी गईं, तो हम अपने आंदोलन को और भी तेज करेंगे और जरूरत पड़ी तो लंबी अवधि तक भी आंदोलन करेंगे।”

किसानों की एकजुटता

भाकियू की इस घोषणा के बाद, नोएडा और आसपास के गांवों के किसानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। किसानों ने इस घेराव को सफल बनाने के लिए पूरी तैयारी कर ली है और गांव-गांव में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। किसान नेता और भाकियू के अन्य पदाधिकारी भी गांवों में जाकर किसानों को इस घेराव में शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

शांतिपूर्ण आंदोलन की अपील

राकेश टिकैत ने सभी किसानों से अपील की है कि वे घेराव के दौरान पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहें और किसी भी प्रकार की हिंसा से बचें। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल अपनी मांगों को सरकार और प्राधिकरण के सामने रखना है, न कि किसी प्रकार की हिंसा या अराजकता फैलाना।

आंदोलन का संभावित असर

भाकियू के इस आंदोलन का असर नोएडा प्राधिकरण और सरकार पर क्या पड़ेगा, यह देखने वाली बात होगी। किसानों की एकजुटता और उनके संघर्ष की ताकत को देखते हुए यह साफ है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो यह आंदोलन और भी बड़ा रूप ले सकता है।

नोएडा प्राधिकरण के घेराव को लेकर किसानों की तैयारियां और उनके हौसले बुलंद हैं। अब देखना यह है कि सरकार और प्राधिकरण इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाते हैं और किसानों की समस्याओं का समाधान किस प्रकार करते हैं।

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