बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और विवादित बयानों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में, बांग्लादेश के एक रिटायर्ड मेजर द्वारा दिया गया विवादित बयान सुर्खियों में है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश चार दिन के अंदर कोलकाता पर कब्जा कर सकता है। यह बयान न केवल भारत-बांग्लादेश संबंधों के लिए तनाव पैदा कर सकता है, बल्कि दोनों देशों के बीच बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता की ओर भी इशारा करता है।
बयान के पीछे की मंशा
रिटायर्ड मेजर के इस बयान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी हलचल मचा दी है। यह बयान ऐसे समय में आया है, जब बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ रहे हैं। मेजर का कहना था कि उनकी सेना इतनी ताकतवर है कि वह चार दिन के भीतर कोलकाता को अपने कब्जे में ले सकती है।
We are able to capture Kolkata within 4 days.
— Voice of Bangladeshi Hindus 🇧🇩 (@VHindus71) December 7, 2024
Retired Bangladesh Army Major.. pic.twitter.com/9YIQ5RYnw2
अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती हिंसा
बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हिंसा के मामले बढ़ते जा रहे हैं। दुर्गा पूजा और अन्य त्योहारों के दौरान कई हिंसक घटनाएं सामने आई हैं। धार्मिक स्थलों पर हमले और संपत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसी घटनाएं आम हो गई हैं। बांग्लादेश सरकार के प्रयासों के बावजूद, स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।
भारत में प्रतिक्रिया
इस बयान के बाद भारत में भी नाराजगी देखी गई। कोलकाता और अन्य स्थानों में नागरिकों और राजनेताओं ने इसे गंभीरता से लिया है। भारतीय रक्षा विशेषज्ञों ने इसे सिर्फ एक राजनीतिक बयान बताया है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि इस तरह के बयानों से दोनों देशों के संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर प्रभाव
बांग्लादेश और भारत के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध रहे हैं। हालांकि, ऐसे बयानों से दोनों देशों के बीच भरोसे की कमी हो सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश सरकार को ऐसे बयानों पर लगाम लगानी चाहिए और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिये ।