ग्रेटर नोएडा: यमुना प्राधिकरण में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला उजागर हुआ है। इस मामले में प्रमुख अभियुक्त और पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता को एसएसपी अजयपाल शर्मा ने गिरफ्तार किया। मार्च 2019 में 29 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था, जिसमें तत्कालीन सीईओ पीसी गुप्ता, एसीई सतीश कुमार और विशेष कार्याधिकारी वीपी सिंह शामिल थे।
जांच के दौरान पाया गया कि मथुरा और हाथरस के गांवों में मास्टर प्लान से बाहर जाकर आवश्यकता से अधिक जमीन खरीदी गई थी। घोटाले में शामिल लोगों ने चेक द्वारा पैसे ट्रांसफर किए और इसे व्यक्तिगत उपयोग में लगाया। इस घटना में हेलीकॉप्टर, आलीशान कोठियां और लग्जरी गाड़ियों में निवेश किया गया।
एसएसपी अजयपाल शर्मा ने मध्य प्रदेश के दतिया से पीसी गुप्ता को गिरफ्तार किया। अब तक 10 तहसीलदारों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति भी दी गई है।
यमुना प्राधिकरण में हुए इस घोटाले ने प्रशासनिक भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर किया है। इस मामले में तेजी से जांच और कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस प्रकार के घोटाले न हों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और विश्वसनीयता सुनिश्चित हो सके।