रेयान इंटरनेशनल स्कूल, ग्रेटर नोएडा में 25 और 26 जून को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और कला एकीकरण कार्यशालाएं आयोजित की गईं। इन कार्यशालाओं का उद्देश्य शिक्षकों और छात्रों को नई शिक्षा नीति के तहत आधुनिक शिक्षण तकनीकों और कला के साथ शिक्षा को जोड़ने के तरीकों से अवगत कराना था।
कार्यशाला के दौरान, एनईपी पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें छात्र-केंद्रित शिक्षा, कौशल विकास, और मातृभाषा/क्षेत्रीय भाषाओं के महत्व पर चर्चा की गई। श्रीमती आराधना शर्मा ने एनईपी की विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत जानकारी दी और इसे कक्षा में लागू करने के तरीके समझाए। डॉ. के जी अरोड़ा ने कौशल विकास और छात्रों की समग्र प्रगति पर जोर दिया।
कला एकीकरण कार्यशाला का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा, जहां सुश्री विनिशा शर्मा और श्री आर एस श्रीवास्तव ने कला को शिक्षण के साथ एकीकृत करने के तरीकों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि किस प्रकार कला का उपयोग शिक्षा को अधिक रोचक और प्रभावी बना सकता है। इस कार्यशाला में शिक्षकों ने विभिन्न कला रूपों को अपने शिक्षण में शामिल करने के तरीकों पर अभ्यास भी किया।
स्कूल की प्रधानाचार्या सुश्री सुधा सिंह ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और इस तरह की कार्यशालाओं के आयोजन की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एनईपी और कला एकीकरण जैसी कार्यशालाएं शिक्षकों और छात्रों के लिए बेहद लाभकारी हैं और उन्हें शिक्षा के नए आयामों से परिचित कराती हैं।
इन कार्यशालाओं का मुख्य उद्देश्य छात्रों के समग्र विकास और आधुनिक शिक्षण विधियों को बढ़ावा देना था, जिससे वे भविष्य के लिए बेहतर तैयार हो सकें।