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हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से शिमला, कुल्लू और मंडी में भारी तबाही

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हिमाचल प्रदेश के शिमला, मंडी और कुल्लू जिलों में बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अब तक 52 लोग लापता हैं और तीन लोगों के शव बरामद किए गए हैं। सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र शिमला का रामपुर है, जहां 36 लोग लापता हो गए हैं। मंडी जिले में नौ और कुल्लू जिले में सात लोग लापता हैं। इन घटनाओं ने जनजीवन को बुरी तरह से प्रभावित किया है, और बड़े पैमाने पर संपत्ति का नुकसान हुआ है।

राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियों की टीमें मौके पर तैनात हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा की स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों की निगरानी की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रभावित लोगों की हर संभव सहायता करेगी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी स्थिति पर नजर रखते हुए राज्य सरकार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।

आपदा के बाद से कई जगहों पर यातायात बाधित हो गया है, सड़कों पर मलबा और कीचड़ जमा हो गया है। नदी और नालों में जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है। प्रशासन ने लोगों को नदी-नालों के पास न जाने की सलाह दी है और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने का आग्रह किया है।

इस बीच, मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में आगामी दिनों में भारी बारिश की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से सतर्क रहने और आपातकालीन सेवाओं से संपर्क में रहने का अनुरोध किया है। प्रभावित क्षेत्रों में बिजली और पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है, जिससे लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

राज्य सरकार ने राहत शिविरों की स्थापना की है जहां प्रभावित लोगों को भोजन, पानी और चिकित्सा सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और पुनर्निर्माण के लिए योजनाएं बनाई हैं। इसके अलावा, स्वयंसेवी संगठन और स्थानीय लोग भी राहत कार्यों में जुटे हैं और आपदा पीड़ितों की मदद कर रहे हैं।

हिमाचल प्रदेश में हर साल मानसून के दौरान भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाएं होती रहती हैं, जो राज्य के पहाड़ी इलाकों में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाती हैं। इस बार भी मानसून की भारी बारिश ने विनाशकारी रूप लिया है।

संबंधित अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति पर कड़ी निगरानी रख रहे हैं और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहे हैं। उन्होंने लोगों से घबराने की बजाय प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। भविष्य में ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन की योजनाओं को और मजबूत बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

इस आपदा ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन को बेहतर तैयारी और समन्वय की जरूरत है। हिमाचल प्रदेश में राहत और पुनर्वास कार्यों को सफल बनाने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।