नई दिल्ली: देशभर में बजट 2024 की चर्चाएं जोर-शोर से चल रही हैं, और लोग वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से उम्मीद कर रहे हैं कि इस बार उन्हें टैक्स में कुछ राहत मिलेगी। खासकर नौकरीपेशा लोगों के बीच सबसे अधिक मांग है कि किराए पर मिलने वाली छूट (HRA) में वृद्धि की जाए। इस मांग का मुख्य कारण यह है कि नोएडा, बेंगलुरु जैसे शहरों में रहने वाले लोग अपने वेतन का एक बड़ा हिस्सा किराए पर खर्च करते हैं।
किराए पर छूट (HRA) की आवश्यकता
नोएडा और बेंगलुरु जैसे प्रमुख शहरों में नौकरीपेशा लोगों के लिए किराए का बोझ अत्यधिक बढ़ गया है। महंगाई और रियल एस्टेट की बढ़ती कीमतों के कारण किराए में भी वृद्धि हुई है। ऐसे में HRA में छूट की वृद्धि से लोगों को काफी राहत मिल सकती है। वर्तमान में नौकरीपेशा लोग अपने वेतन के एक हिस्से को HRA के रूप में क्लेम कर सकते हैं, लेकिन यह छूट वास्तविक किराए के मुकाबले बहुत कम होती है।
महंगाई और खर्चों का बढ़ता दबाव
महंगाई दर में वृद्धि के कारण रोजमर्रा की वस्तुओं के दाम भी बढ़ गए हैं, जिससे आम जनता का बजट प्रभावित हुआ है। खाने-पीने की वस्तुएं, पेट्रोल-डीजल, और घरेलू सामानों की कीमतों में हुई वृद्धि ने आम आदमी की जेब पर भारी असर डाला है। इसके अलावा, बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और अन्य आवश्यक खर्चे भी बढ़ गए हैं। ऐसे में सरकार से टैक्स में राहत की मांग स्वाभाविक है।
व्यापारियों की उम्मीदें
न केवल नौकरीपेशा लोग, बल्कि छोटे और मध्यम व्यापारी भी इस बजट से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। वे चाहते हैं कि सरकार टैक्स की दरों में कमी करे ताकि व्यापारियों को राहत मिल सके और वे अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चला सकें। व्यापारियों का कहना है कि टैक्स की उच्च दरें उनके मुनाफे को कम कर रही हैं और इससे उनका व्यापार प्रभावित हो रहा है।
आर्थिक सुधार की दिशा में कदम
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले बजट में भी कई सुधारात्मक कदम उठाए थे, जिनसे अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली। इस बार भी उम्मीद की जा रही है कि सरकार रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए महत्वपूर्ण घोषणाएं करेगी। साथ ही, डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए भी नई योजनाओं की घोषणा की जा सकती है।
वित्त मंत्री की चुनौतियाँ
वित्त मंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह होगी कि वे कैसे टैक्स में राहत देने के साथ-साथ राजस्व में भी वृद्धि कर सकें। सरकार को विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के लिए धन की आवश्यकता होती है, और ऐसे में टैक्स में राहत देना एक कठिन फैसला हो सकता है। इसके अलावा, वैश्विक आर्थिक मंदी और बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच संतुलन बनाए रखना भी वित्त मंत्री के लिए चुनौतीपूर्ण होगा।
बजट से पहले सुझाव और चर्चाएँ
बजट की तैयारी के दौरान विभिन्न संगठनों, उद्योगपतियों, और आम जनता से सुझाव मांगे जाते हैं। कई आर्थिक विशेषज्ञ और सलाहकार भी अपने विचार और सुझाव सरकार को प्रस्तुत करते हैं। इस बार भी विभिन्न संस्थानों ने अपनी मांगें और सुझाव सरकार के समक्ष रखे हैं। लोगों की उम्मीदें हैं कि वित्त मंत्री इन सुझावों को ध्यान में रखते हुए एक संतुलित और लोकलुभावन बजट प्रस्तुत करेंगी।
आम जनता की प्रतिक्रिया
नोएडा में रहने वाले नौकरीपेशा लोगों का कहना है कि वे इस बजट से काफी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। उनके मुताबिक, अगर HRA में छूट बढ़ाई जाती है तो इससे उन्हें आर्थिक रूप से बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही, वे चाहते हैं कि सरकार महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए।
निष्कर्ष
बजट 2024 से लोगों की उम्मीदें और अपेक्षाएँ बहुत अधिक हैं। खासकर नोएडा और बेंगलुरु जैसे शहरों में रहने वाले नौकरीपेशा लोगों के लिए HRA में छूट की मांग प्रमुख है। अब देखना यह होगा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इन उम्मीदों पर कितना खरा उतरती हैं और देश के आर्थिक विकास के लिए क्या नई योजनाएं प्रस्तुत करती हैं।
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