इस साल प्रदेश में ₹10 लाख करोड़ की निवेश परियोजनाओं पर काम शुरू होगा, जिससे बिजली की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलेगी। इन परियोजनाओं के चलते प्रदेश में अगले तीन वर्षों में 10 नए ताप बिजलीघरों से उत्पादन शुरू हो जाएगा।
नए बिजलीघरों के चालू होने के बाद प्रदेश की स्थापित क्षमता में महत्वपूर्ण बढ़ोतरी होगी। इससे न केवल निवेश परियोजनाओं की ऊर्जा आवश्यकता पूरी होगी, बल्कि क्षेत्रीय विकास को भी गति मिलेगी। इन परियोजनाओं से रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे और आर्थिक समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।
सरकार के उच्चाधिकारियों के अनुसार, ये नई परियोजनाएँ प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्थित होंगी और इनसे स्थानीय उद्योगों को भी बल मिलेगा। ऊर्जा विभाग ने बताया कि इन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन से प्रदेश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि इन ताप बिजलीघरों से उत्पादन शुरू होने के बाद न केवल ऊर्जा की उपलब्धता बढ़ेगी, बल्कि ऊर्जा की लागत में भी कमी आएगी, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा। इसके अतिरिक्त, पर्यावरणीय मानकों का पालन करते हुए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा ताकि प्रदूषण कम से कम हो।
इन निवेश परियोजनाओं से जुड़े एक प्रमुख अधिकारी ने बताया, “हमने इन परियोजनाओं के लिए सभी आवश्यक स्वीकृतियाँ प्राप्त कर ली हैं और निर्माण कार्य शीघ्र ही शुरू हो जाएगा। इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी काफी बल मिलेगा।”
प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा, “यह प्रदेश के लिए एक बड़ा कदम है। इन निवेश परियोजनाओं से न केवल बिजली की मांग पूरी होगी, बल्कि यह प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा।”
इस प्रकार, यह निवेश योजना प्रदेश को एक नए ऊर्जा युग में प्रवेश कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार होगा।
प्रदेश में इस साल ₹10 लाख करोड़ की निवेश परियोजनाओं पर काम शुरू होगा। इसके चलते बिजली की मांग और अधिक बढ़ेगी।
ऐसे में प्रदेश में अगले तीन वर्षों में 10 नए ताप बिजलीघरों से उत्पादन शुरू हो जाएगा। नए बिजलीघरों के चालू होने के बाद प्रदेश की स्थापित क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
पढ़े… pic.twitter.com/qsaVpRsLwU— Government of UP (@UPGovt) June 25, 2024