प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा समूह के चेयरमैन, रतन टाटा का आज निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे। टाटा का निधन मुंबई स्थित उनके निवास पर हुआ। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है, खासकर उद्योग जगत और समाजसेवी क्षेत्र में।
रतन टाटा ने टाटा समूह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई और विभिन्न क्षेत्रों में सफलता हासिल की। रतन टाटा को उनके विजन और उद्यमशीलता के लिए न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सराहा जाता था।
उनकी जीवन यात्रा प्रेरणादायक रही है। उन्होंने टाटा ग्रुप में 1991 में चेयरमैन का पदभार संभाला था और इसके बाद टाटा समूह ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं। टाटा नैनो जैसी सस्ती कार और जैगुआर-लैंड रोवर जैसे प्रतिष्ठित ब्रांडों के अधिग्रहण के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
रतन टाटा के निधन से देश ने न केवल एक सफल उद्योगपति को खोया है, बल्कि एक ऐसे समाजसेवी को भी खोया है, जिन्होंने हमेशा सामाजिक उत्थान के लिए काम किया। उनके नेतृत्व में टाटा ट्रस्ट्स ने स्वास्थ्य, शिक्षा, और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश की कई प्रमुख हस्तियों ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने कहा, “रतन टाटा का योगदान हमेशा देश के उद्योग और समाज के विकास के लिए प्रेरणादायक रहेगा। उनकी सादगी, दृष्टिकोण, और करुणा को याद रखा जाएगा।”
रतन टाटा के निधन से देश के उद्योग जगत में एक शून्य पैदा हो गया है, जिसे भर पाना मुश्किल होगा। उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए, देश की आने वाली पीढ़ी भी उन्हीं के नक्शे कदम पर चलेगी।